Tuesday 17 February 2015

परम वीर चक्र (पीवीसी)

परम वीर चक्र सैन्य सेवा तथा उससे जुड़े हुए लोगों को दिया जाने वाला भारत का सर्वोच्च वीरता सम्मान है। यह पदक शत्रु के सामने अद्वितीय साहस तथा परम शूरता का परिचय देने पर दिया जाता है। 26 जनवरी 1950 से शुरू किया गया यह पदक मरणोपरांत भी दिया जाता है।

शाब्दिक तौर पर परम वीर चक्र का अर्थ है "वीरता का चक्र" ι संस्कृति के शब्द "परम", "वीर" एवं "चक्र" से मिलकर यह शब्द बना है।

यदि कोई परम वीर चक्र विजेता दोबारा शौर्यता का परिचय देता है और उसे परम वीर चक्र के लिए चुना जाता है तो इस स्थिति में उसका पहला चक्र निरस्त करके उसे रिबैंड दिया जाता है। इसके बाद हर बहादुरी पर उसके रिबैंड बार की संख्या बढ़ाई जाती है। इस प्रक्रिया को मरणोपरांत भी किया जाता है। प्रत्येक रिबैंड बार पर इंद्र के वज्र की प्रतिकृति बनी होती है, तथा इसे रिबैंड के साथ ही लगाया जाता है।

परम वीर चक्र को अमेरिका के सम्मान पदक तथा यूनाइटेड किंगडम के विक्टोरिया क्रॉस के बराबर का दर्जा हासिल है।

फ्लाईंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखो यह प्रतिष्ठित सम्मान पाने वालों में से एक हैं। उन्हें 1971 में मरणोपरांत परम वीर चक्र से सम्मानित किया गया। वे भारतीय वायु सेना के एकमात्र ऐसे ऑफिसर है जिन्हें परम वीर चक्र से सम्मानित किया गया है।

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